विवेकी राय हिन्दी और भोजपुरी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। विवेकी राय ने 50से अधिक पुस्तकों की रचना की थी। वे ललित निबंध, कथा साहित्य और कविताकर्ममें समभ्यस्त थे और मूलतः गंवई सरोकार के रचनाकार थे। बदलते समय के साथ गांवोंमें होने वाले परिवर्तनों की सूक्ष्म पकड़ एवं आंचलिक चेतना विवेकी राय के कथासाहित्य की एक विशेषता थी। इन्होंने अपने उपन्यासों एवं कहानियों में किसानों,मज़दूरों, स्त्रियों तथा उपेक्षितों की पीड़ा को अभिव्यक्ति प्रदान की थी।
विवेकी राय का जीवन परिचय (Viveki Rai ka Jivan Parichay)
विवेकी राय का जन्म 19 नवंबर, 1924 को भरौली (बलिया) नामक ग्राम में हुआ था। विवेकी राय की आरंभिक शिक्षा इनके पैतृक गांव सोनवानी (गाजीपुर) में हुई। स्वाध्याय के बल पर आपने स्नातकोत्तर परीक्षा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। सन् 1970 ई. में ‘स्वांत्र्योत्तर हिन्दी का कथा साहित्य और ग्राम जीवन’ विषय पर काशी विद्यापीठ वाराणसी से विवेकी राय को पी-एच.डी. की उपाधि मिली। नवंबर माह की 22 तारीख 2016 को विवेकी राय की मत्यु।
इन्हें रचनाक्रम का शौक मिडिल क्लास के समय ही पैदा हो गया। जब ये सातवीं कक्षा में अध्ययन कर रहे थे, उसी समय से आपने लिखना शुरू कर दिया।
विवेकी राय का व्यक्तित्व
डाॅ. विवेकी राय का जीवन बहुत सादगीपूर्ण रहा। स्वभावतः वे गंभीर एवं खुशमिजाजरचनाकार थे। सीधे-सच्चे, उदार एवं कर्मठ व्यक्ति थे। आचार-विचार से परम सात्विकऔर संपूर्णतः एक अराजनीतिक व्यक्ति थे। अधिकांशतः खादी के धवल वस्त्रों में दिखनेवाले, खुले दिल से अतिथियों का सत्कार करने वाले, सत्पथ पर दृढ़ निश्चय के साथबढ़ते रहने की सतत् प्रेरणा देने वाले विवेकी राय संत प्रकृति के व्यक्ति थे।साहित्य-सृजन हेतु नवयुवकों को प्रेरणा देने वाले विवेकी राय बहुत के लिए आदरणीयव परमपूज्य बने रहे।
विवेकी राय की रचनाएँ
उनकी प्रकाशित पुस्तकों मेंविभिन्न विधाओं की 74 पुस्तकें शामिल हैं। इनमें 6 काव्य-संग्रह, 12 कहानी संग्रह, 10उपन्यास, 13 निबंध- शोध समीक्षा, 2 व्यक्तित्व कृतित्व, 2 संस्मरण, 9 भोजपुरी ललितनिबंध, 5 भाषान्तर, 3 विविध, 5 पुस्तकों का संपादन तथा 10 ललित निबंध-व्यंग्यरेखाचित्र हैं।
प्रकाशित निबंध संग्रह
- फिर बैतलवा डाल पर
- मनबोध मास्टर की डायरी
- गंवई गंध गुलाब
- आस्था और चिन्तन
- जुलूस रुका है
- नया गाॅवनाम
- जगत तपोवन सो कियो
- यह आम रास्ता नहीं है
- जीवन अज्ञात का गणित है
- चली फगुनाहट।
विवेकी राय के पुरस्कार एवं सम्मान
- हिन्दी संस्थान (उ.प्र.) द्वारा ‘सोनामाटी’ उपन्यास पर पे्रमचंद पुरस्कार दिया गया।
- हिन्दी संस्थान लखनऊ (उ.प्र.) द्वारा साहित्य भूषण पुरस्कार दिया गया।
- बिहार सरकार द्वारा आचार्य शिवपूजन सहाय सम्मान प्रदान किया गया।
- मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदत्त ‘शरदचन्द्र जोशी’ सम्मान।
- केन्द्रीय हिन्दी संस्थान एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली केसंयुक्त तत्वावधान में दिया गया ‘महापंडित राहुल सांकृत्यायन’ सम्मान,2001.
- जगद्गुरु रामानन्द आचार्य एवार्ड (1912)
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महात्मा गांधी सम्मान एवं प्रेमचंद पुरस्कार दिया गया ।
- हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा ‘साहित्य महोपाध्याय’ सम्मान दिया गया ।
- 2006 में यश भारती सम्मान मिला।
- 2016 में शार्प रिपोर्टर ‘आंचलिक पत्रकारिता युग पुरुष’ सम्मान दिया गया ।
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