प्रयोग की दृष्टि से सर्वनाम के 6 प्रकार हैं-
- पुरूषवाचक – मैं, तू, वह, मैंने
- निजवाचक – आप
- निश्चयवाचक (संकेतवाचक) – यह, वह
- अनिश्चयवाचक – कोई, कुछ
- संबंधवाचक – जो, सो
- प्रश्नवाचक – कौन, क्या
सर्वनाम दो शब्दों के योग से बना है सर्व + नाम , अर्थात जो नाम सब के स्थान पर प्रयुक्त हो उसे सर्वनाम कहा जाता है।
कुछ उदाहरण से समझिये –
- मोहन 11वीं कक्षा में पढ़ता है।
- मोहन स्कूल जा रहा है।
- मोहन के पिताजी पुलिस हैं।
- मोहन की माताजी डॉक्टर है।
- मोहन की बहन खाना बना रही है।
उपर्युक्त वाक्य में मोहन ( संज्ञा ) है इसका प्रयोग बार – बार हुआ है। बार – बार मोहन शब्द को दोहराना वाक्यों को अरुचिकर व कम स्तर का बनाता है। यदि हम एक वाक्य में मोहन ( संज्ञा ) को छोड़कर अन्य सभी जगह सर्वनाम का प्रयोग करें तो वाक्य रुचिकर व आकर्षक बन जाएंगे।
जैसे –
मोहन 11वीं कक्षा में पढ़ता है।
वह स्कूल जा रहा है।
उसके पिताजी पुलिस हैं।
और उसकी माताजी डॉक्टर हैं।
उसकी बहन खाना बना रही है।
इस प्रकार हम संज्ञा के स्थान पर इस का प्रयोग कर सकते हैं।
जैसे –
मोहन 11वीं कक्षा में पढ़ता है।
वह स्कूल जा रहा है।
उसके पिताजी पुलिस हैं।
और उसकी माताजी डॉक्टर हैं।
उसकी बहन खाना बना रही है।
इस प्रकार हम संज्ञा के स्थान पर इस का प्रयोग कर सकते हैं।
सर्वनाम |